Facts About Shodashi Revealed

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श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥१॥

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥३॥

Each and every struggle that Tripura Sundari fought is often a testament to her could as well as protective character on the divine feminine. Her legends go on to inspire devotion and are integral into the cultural and spiritual tapestry of Hinduism.

दक्षाभिर्वशिनी-मुखाभिरभितो वाग्-देवताभिर्युताम् ।

वर्गानुक्रमयोगेन यस्याख्योमाष्टकं स्थितम् ।

उत्तीर्णाख्याभिरुपास्य पाति शुभदे सर्वार्थ-सिद्धि-प्रदे ।

You should convey to me this kind of yoga which often can give salvation and paradise (Shodashi Mahavidya). You're the sole theologian who can give me the complete knowledge On this regard.

वृत्तत्रयं च धरणी सदनत्रयं च श्री चक्रमेत दुदितं पर देवताया: ।।

दृश्या स्वान्ते सुधीभिर्दरदलितमहापद्मकोशेन तुल्ये ।

Her natural beauty is really a gateway to spiritual awakening, producing her an item of meditation and veneration for anyone trying to find to transcend worldly dreams.

Goddess also has the identify of Adi Mahavidya, meaning the entire Model of fact. In Vedic mantras, she's called the Goddess who sparkles with The attractive and pure rays of your Sunlight.

The essence of these events lies within the unity and shared devotion they inspire, transcending personal worship to produce a collective spiritual ambiance.

Her narratives normally emphasize her job during the cosmic battle versus forces that threaten dharma, therefore reinforcing her place as being a protector and upholder from the cosmic order.

यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके check here अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।

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